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…..सदस्य बनायें हैं ‘मिस्ड काल’ से!

anurag
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imagesजब हम कोई धारावाहिक देखते है तो उसके शुरुवात में ही एक चेतावनी आती है कि इस धारावाहिक के सभी पात्र काल्पनिक है जिनका वास्तविकता जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं, यदि कही इनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध होगा तो उसे मात्र एक संयोग मान जायेगा।

धारावाहिको में दी जाने वाली ये चेतावनी मुझे वर्तमान समय में बीजेपी पर बिलकुल चिर्त्राथ होती दिखती है। जिस तरह धारावाहिकों में काल्पनिकता के आधार पर वास्तविकता का खांका खींचा जाता है ठीक उसी तरह बीजेपी भी काल्पनिक सदस्यों के सहारे अपनी सफलता नयी इबारत लिख रही है। इस इबारत के सूत्रधार भी कोई और नहीं, बल्कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी है। तो आइये शुरुवात भी सबसे पहले मोदी जी से ही करते है।

आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना पूरा हो गया। मोबाइल मिस्ड काल के सहारे बीजेपी आज विश्व की सबसे बड़े राजनैतिक पार्टी हो गयी जिसके लिए ह्रदय से बीजेपी और उसके निष्ठावान नेताओ को बधाई। अब कुछ सवाल जो इस सदस्यता अभियान के बाद मौजूं हो जाते है और जिनका उत्तर देना बीजेपी के नेताओ की जिम्मेदारी भी है।

पहला सवाल: मिस्ड काल से बने इस संगठन की सफलता के श्रेय किसे दिया जाए, बीजेपी की संघठन शक्ति को या फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता को?

दूसरा सवाल : भारी मात्रा में मोबाइल मिस्ड काल से बनाये गए ये सदस्य बीजेपी के वास्तविक सदस्य है इसकी प्रमाणिकता का आधार क्या होगा?

तीसरा सवाल : क्या इन सदस्यों को बीजेपी के अनुसांगिक संगठनो में भी जगह मिलेगी?

चौथा और सबसे मौजूं सवाल कि क्या सदस्यता के दम पर बीजेपी आने वाले समय किसी भी राजनैतिक लड़ाई को जीत सकती है ?

इन सारे सवालों का जवाब इसलिए भी प्रासंगिक है क्योकि मिस्ड काल से सदस्य कोई भी बन सकता है है पर ये जरुरी नहीं है कि सदस्य बनने वाला व्यक्ति पार्टी की मूल विचारधार से सहमत हो। कई बार देखने को मिला है कि जनता किसी एक व्यक्ति की लोकप्रियता से प्रभवित होकर उसके दवारा अनुसरित मार्ग को अपनाती और समय के साथ व्यक्ति की गिरती लोकप्रियता के साथ उस मार्ग को त्याग देती है।

ऐसे में बीजेपी की ये अपार सफलता हमेशा संशय के बदलो से घिरी रहेगी। संशय इस बात का होगा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता से सफल हुआ ये अभियान कही भविष्य में मोदी की गिरती लोकप्रियता से साथ खत्म न हो जाये क्योकि बदलाव प्रकृति और मानव जीवन का मूल स्वाभाव है। जो आज है वो कल नहीं होगा और जो कल होगा वो आज नहीं। खैर कल क्या होगा क्या नहीं ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा है।

फिलहाल बीजेपी और उसके कर्णधारों को आज की सफलता के लिए एक बार पुनः बधाई और कल के लिए शुभकामना। उम्मीद करते है कि मोदी वरदान से सफल हुआ ये अभियान भविष्य में भी मिस्ड काल से अनन्त सदस्य बनाता रहेगा।

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